दिल्ली में नवंबर के महीने में सामने आए श्रद्धा वॉकर हत्याकांड के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सात मार्च को सुनवाई की। इस मालमे में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ आरोपों पर दलीलें सुनीं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ ने कहा कि आरोपों पर दलीलें सुनी जा चुकी है। न्यायाधीश कक्कड़ ने कहा कि विधिक सहायता प्रदान करने वाले वकील ने आरोप पर शेष दलील रखने के लिये 20 मार्च को अपराह्न दो बजे का समय मांगा है। विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने पूनावाला के खिलाफ आरोपों पर दलीलें रखीं, जबकि अधिवक्ता जावेद हुसैन आरोपी की तरफ से पेश हुए। इससे पहले 21 फरवरी को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए इसे (मामले को) सत्र अदालत को सौंप दिया था।
पुलिस ने 24 जनवरी को मामले में 6,629 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कई हैरतअंगेज खुलासे किए है। इस चार्जशीट में हत्या की घटना के हर पहलू को पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस ने मर्डर थ्योरी से लेकर साइंटिफिक सबूतों को भी चार्जशीट में जगह दी है। इनके बूते पर आरोपी आफताब को सजा दिलाने में पुलिस को मदद मिलेगी।
चार्जशीट के मुताबिक आरोपी ने इसमें बताया कि उसने लाश के टुकड़ों को पेट्रोल से जलाया और कई हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर उसके पाउडर को सड़क पर फेंका। हत्या की रात आफताब पास की एक हार्डवेयर की दुकान पर गया और एक आरी, तीन ब्लेड, एक हथौड़ा और प्लास्टिक की क्लिप खरीदी। आफताब ने पुलिस को अपने नए कबूलनामे में बताया कि उसने श्रद्धा के शव को बाथरूम में शिफ्ट किया, आरी से पहले उसके हाथ काटे और उन्हें एक पॉलीथिन बैग में रख दिया। उसने बैगों को अपनी रसोई के निचले कैबिनेट में रख दिया। अगले दिन रात करीब 2 बजे उन्होंने श्रद्धा के शरीर के जांघ के हिस्से को छतरपुर वन क्षेत्र में ठिकाने लगा दिया। अगले 4-5 दिनों में आफताब ने शरीर के 17 टुकड़े कर दिए। उसने एक-एक करके उसके शरीर के अंगों ठिकाने लगाया।