प्रेस विज्ञप्ति
अकाली दल के घोषणा पत्र में पंथक और क्षेत्रीय मजबूती का आहवाहन
पार्टी के लिए पंथ, पंजाब और सिद्धांत राजनीति से ऊपर
पंजाबियों को किया सावधान, कहा कि सिख नौजवानों के खिलाफ नई पुलिस बर्बरता को सही ठहराने के लिए राज्य को अस्थिर करके दोबारा इसे अंधेरे के युग में धकेलने की साजिशों से सचेत रहें
पंजाब की सहमति के बिना लिए गए सभी दरिया पानी समझौतों के फैसलों को रदद करेंगें
सिर्फ पंजाबी नौजवानों को रोजगार देंगें, बाहरी लोगों को लिए जमीन की बिक्री नही होने देगें
हम पंजाब में खाद्य प्रसस्ंकरण तथा कपड़ा उद्योग स्थापित करेंगें, मोहाली और अमृतसर को आई टी तथा पर्यटन तथा मालवा को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करेंगें
अकाली दल को हुसैनीवाला की तर्ज पर जमीन की अदला-बदली करके करतारपुर साहिब को पूर्वी पंजाब में शामिल करने की वकालत की
अटारी तथा हुसैनीवाला बाॅर्डर खोलने की मांग की
किसानों के साथ डटकर की वकालत, कहा कि एम.एस.पी को कानूनी गारंटी का रूप देने के वादे किए जाएंगें।
मोहाली से अतंरराष्ट्रीय उड़ानों पर कार्गों सुविधा की वकालत की
संघीय स्वायत्ता तथा अल्पसंख्यकों तथा कमजोर वर्गों के लिए सुविधाओं पर दिया जोर
जालंधर/18मई: शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब के लोगों को राज्य को अंधकार के युग में धकेलने और सरकारी जबर करने से सुचेत करते हुए आज पंथक तथा पंजाब समर्थक मजबूती की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि राज्य की अनूठी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बनाकर रखने के लिए उचित राजनीतिक और वित्तीय स्वायत्ता आवश्यक है।
पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में पार्टी की संघर्ष की समृद्ध विरासत और पारंपरिक , पंथक और पंजाबियत पर जोर देने के साथ निस्वार्थ यौद्धाओं और जरनैलों द्वारा किए गए बलिदानों का जिक्र किया गया है जिसे उन्होने सत्ता के बार-बार पेशकश तथा कैबिनेट के पदों की पेशकश को ठुकराकर अपने सिद्धांतों पर डटकर खड़े रहे हैं।
पार्टी ने अपने घोषणा पत्र जिसे पार्टी ने 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए ‘ऐलान नामे’ का नाम दिया है, में पार्टी ने कहा कि पंजाब में पुलिस की बर्बरता का दौर लौट रहा है, आधी रात को पुलिस लोगों के घरों में घुस कर सिख नौजवानों को झूठे मुकाबले में मार रही है, राज्य की शांति तथा साम्प्रदायिक सदभावना को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में भड़काउ नारों की मदद से डर, भय तथा दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है।अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि राज्य की शांति और साम्प्रदायिक सदभाव को बचाने की सख्त जरूरत है ताकि पंथ और पंजाब को बचाया जा सके।
‘पंथक सिद्धांत राजनीति से उपर’ तथा ‘पंजाब पंजाबियों दा’ के नारे लगाते हुए अकाली दल के घोषणा पत्र में घोषणा की गई कि लोगों का जनादेश मिलने पर ऐसा कानून बनाया जाएगा कि पंजाब में नौकरियां सिर्फ पंजाबी नौजवानों को ही मिलेंगी। इस समय न सिर्फ नौकरियां बल्कि राज्य सभा सीटें भी बाहरी लोगों को तोहफे के तौर पर दी गई हैं जो पंजाब को नफरत करते हैं। इस समय पंजाब को गुलाम काॅलोनी की तरह चलाया जा रहा है, जिसके संसाधनों को लूटा जा रहा है तथा दिलली से लेकर दिल्ली के लिए पंजाब को चलाया जा रहा है।सरदार बादल ने कहा कि कुछ राज्यों में पहले से ही ऐसे प्रावधान हैं।
पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में घोषणा की गई कि लोगों के जनादेश के साथ वह पंजाब की सहमति के बिना नदी जल पर लिए गए सभी समझौतों को रदद करेंगें जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत के खिलाफ हैं।
सरदार बादल ने यह भी घोषणा की कि पार्टी गैर रिपेरियन राज्यों को अपने दरिया के पानी की राॅयल्टी भी मांगेगी तथा इसके लिए आवश्यक सभी राजनीतिक और कानूनी कदम उठाएगी
चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया गया कि चंडीगढ़ तथा पंजाबी भाषा वाले क्षेत्रों को पंजाब में लेने के लिए संघर्ष किया जाएगा। चंडीगढ़ पंजाब का था तथा हमेशा ही रहेगा, इसे सिर्फ पांच सालों के लिए यूटी बनाया गया था। हम इस मामले में पंजाब के साथ केंद्र द्वारा की गददारी के खिलाफ डटकर संघर्ष करेंगें।
घोषणा पत्र में कहा गया कि पार्टी लोगों के जनादेश का उपयोग करते हुए करतारपुर साहिब को पाकिस्तान से भारत लाने के लिए दोनों देशों के बीच आपसी समझौते के आधार पर काम करेगी, जैसे की पहले हुसैनीवाला बाॅर्डर तथा बंगलादेश के मामले में किया गया।
पार्टी ने वादा किया कि वह भारत सरकार के माध्यम से काम करते हुए यह सुनिश्चित करेगा कि करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म की जाए तथा इसकी जगह एक साधारण परमिट सिस्टम लागू किया जाए।
घोषणा पत्र में सरकारों द्वारा सिख गुरुघामों तथा खालसा पंथ की अन्य धार्मिक संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिशों तथा साजिशों का जोरदार विरोध किया। पार्टी गैर सिख ताकतों द्वारा सिख धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप को खत्म करने की वकालत की और कहा कि कुछ हताश सिख तत्वों तथा बहरूपियों का इस्तेमाल करके पंथ को अंदर से कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में संविधान के धर्म निरपेक्ष, लोकतांत्रिक और संघीय ढ़ांचे की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिसमें गरीबों, पिछड़े वर्गों तथा अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के अन्य वगोें। के लिए गारंटी शामिल हों। पार्टी ने कहा कि पिछले सालों में धर्म निरपेक्ष तथा लोकतांत्रिक मूल्यों का पतन हुआ है। अल्पसंख्यकों तथा अन्य उत्पीड़ित वर्ग को साम्प्रदायिक आधार पर योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। इसे तत्काल रोकने की जरूरत है तथा अकाली दल इसे प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाएगा।
चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया है कि सिखों के साथ भेदभाव करने और षडयंत्र में शामिल होने के अलावा केंद्र मुसलमानों, ईसाईयों, बौद्धों और जैनों सहित अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करके उन्हे निशाना बनाया जा रहा है। शिरोमणी अकाली दल समाज के हर वर्ग के लिए खड़ा रहेगा तथा हर कीमत पर एक समान नागरिक संहिता लागू करने का विरोध करेगा।
चुनावी घोषणा पत्र में पंजाब के लिए विशेष अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग की गई क्योंकि राज्य में सबसे अधिक एस सी आबादी है। अकाली दल पंजाब में अनुसूचित जाति की भलाई के लिए विशेष फंडों की मांग करेगा तथा पार्टी एस सी छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक के बैकलाॅग को क्लीयर करवाएगी। यह नई दिल्ली तुगलकाबाद में गुरु रविदास जी के मंदिर की तत्काल बहाली सुनिश्चित करेगा।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि पार्टी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करेगी और इसका कार्यकाल छह साल के लिए तय करने के चेयरमैन के लिए कैबिनेट तथा मैंबरों के लिए राज्यमंत्री के दर्जे की मांग करेगी। पार्टी ने अल्पसंख्यकों के लिए राज्य आधारित व्यवस्था की विचारधारा का विरोध किया तथा कहा कि अल्पसंख्यक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक हैं। घोषणा पत्र में पाकिस्तान के साथ लगते अटारी तथा हुसैनीवाला सीमा को खोलने की मांग करते हुए कहा गया कि इससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक समृद्धि आएगी। इसमें पूरे बाॅर्डर क्षेत्र को विशेष आर्थिक दर्जा देने का वादा किया गया है। इसमें कहा गया है,‘‘ हम केंद्र के सहयोग से सीमावर्ती जिलों में लघु, मध्यम और एमएसएमई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करेंगें। पार्टी ने इस क्षेत्र में औद्योगिक जरूरतों के अनुसार कुशल शिक्षण संस्थानों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अकाली दल तीन विशेष आर्थिक हब स्थापित करेगा, जिसमें मोहाली आईटी हब के रूप में , मालवा को कपड़ा हब के रूप में, श्री अमृतसर साहिब के साथ साथ पठानकोट के आसपास हरी के पत्तन, पठानकोट के आसपास रंजीत सागर बांध को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
ठसी तरह पार्टी के कंडी और बेट क्षेत्रों को विशेष रूप से विकसित करेगी तथा इनके लिए विशेष पैकेजों के साथ साथ औद्योगिक रियायतें भी प्रदान करेगी जो पड़ोसी राज्यों को दी गई है।
चुनाव घोषणा पत्र में कहा गया है कि अकाली दल पंजाब में सुक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करेगा, क्योंकि पंजाब एक कृषि आधारित राज्य है। उन्होने कहा,‘‘ अकाली दल किसानों और खेतिहर मजदूरों की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक आवाज है जो न्याय के लिए संघर्ष का पुरजोर समर्थन करता है। पार्टी एमएसपी को कानूनी गारंटी में बदलने के लिए अपने जनादेश का उपयोग करेगी।
अकाली दल एक बार फिर किसानों को पूर्ण कर्जा माफी की वकालत करेगा। उन्होने कहा कि सरकार ने काॅरपोरेट घरानों का 16 लाख करोड़ रूपये का कर्जा माफी किया है, लेकिन किसानों का कर्जा माफ नही किया जोकि बेहद कम है।
पार्टी ने छोटे और आंशिक किसानों को डीजल पर 20 फीसदी सब्सिडी देने का वादा किया। पार्टी किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए ‘ कुशल श्रमिक का दर्जा’ हासिल करने की कोशिश करेगी और मनरेगा में खेतिहर मजदूरों को शामिल करने की कोशिश करेगी।
पार्टी ने कहा कि वह किसान संघर्ष में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए 50 लाख रूपये के मुआवजे और परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग करेगी।
पार्टी सरकार द्वारा किसानों और खेतिहर मजदूरों से किए गए सभी वादे पूरे करने और सब्जी और फल उत्पादक किसानों से किए गए वादों को पूरा करने की मांग करेगी। पार्टी ने कहा कि अकाली दल व्यक्तिगत आयकर की मौजूदा दर से 4 लाख रूपये अधिक बढ़ाने की मांग करेगा।
पार्टी ने सेवाओं में वन रैंक वन पेंशन की मांग के लिए संघर्ष करने का भी वादा किया।
घोषणा पत्र में अग्निवीर योजना का विरोध किया गया और सेना में नियमित भर्ती की मांग पर जोर दिया गया।
अकाली दल ने आशा और मिड-डे मील कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आर्थिक सुरक्षा और गरिमा की मांग की। पार्टी यह भी मांग करेगी कि उन्हे अच्छा वेतन देकर उनकी सेवाओं को नियमित किया जाएग और मनरेगा श्रमिकों को कम से कम 150 दिनों का काम दिया जाए।