धोखाधड़ी में फंस गया ‘बॉलीवुड का सर्किट’, SEBI ने अरशद वारसी और उनकी पत्नी पर लगाया बैन, एक्टर ने दी सफाई

YouTube पंप-एंड-डंप योजना के संबंध में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा व्यापार प्रतिभूतियों से प्रतिबंधित किए जाने के बाद अभिनेता अरशद वारसी ने शुक्रवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया। एक ट्वीट में 54 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि उन्हें और उनकी पत्नी मारिया गोरेट्टी को शेयरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है और सलाह लेने के बाद साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड में निवेश किया। अरशद वारसी ने कहा “कृपया उन सभी बातों पर विश्वास न करें जो आप समाचारों में पढ़ते हैं। मारिया और शेयरों के बारे में मेरी जानकारी शून्य है, सलाह ली और शारदा [साधना] में निवेश किया, और कई अन्य लोगों की तरह, हमारी सारी मेहनत की कमाई खो दी।

एक दिन पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को अभिनेता अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेटी और साधना ब्रॉडकास्ट के प्रवर्तकों सहित 45 इकाइयों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार से प्रतिबंधित कर दिया है। नियामक ने यह कदम यूट्यूब चैनल पर निवेशकों को कंपनी के शेयर खरीदने का सुझाव देने वाले भ्रामक वीडियो डालने के मामले में उठाया है। यह मामला यूट्यूब चैनल पर गुमराह करने वाले वीडियो डालने से संबंधित है। इन वीडियो में निवेशकों को साधना ब्रॉडकास्ट लि. और शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट लि. के शेयर खरीदने की सलाह दी जाती थी। वारसी दंपति के अलावा सेबी ने साधना ब्रॉडकास्ट के कुछ प्रवर्तकों पर भी प्रतिभूति बाजार में कारोबार की रोक लगाई है। इसके अलावा नियामक ने दो अंतरिम आदेशों में यूट्यूब चैनल पर भ्रामक वीडियो डालने के बाद इन इकाइयों को हुए गैरकानूनी लाभ के 54 करोड़ रुपये भी जब्त करने का आदेश दिया है।

साधना ब्रॉडकास्ट के मामले में सेबी ने कहा कि इस अरशद वारसी ने 29.43 लाख रुपये का लाभ कमाया, जबकि उनकी पत्नी को 37.56 लाख रुपये का लाभ हुआ है। इसके अलावा इकबाल हुसैन वारसी ने भी 9.34 लाख रुपये का लाभ गलत तरीके से कमाया। सेबी को इस तरह की शिकायतें मिली थीं कि टीवी चैनल साधना ब्रॉडकास्ट तथा दिल्ली की शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट के शेयरों के मूल्य में कुछ इकाइयों द्वारा हेराफेरी की जा रही है। इसके अलावा ये इकाइयों कंपनी के शेयर निकाल भी रही हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गुमराह करने वाली सामग्री के साथ ये वीडियो यूट्यूब पर निवेशकों को ‘लालच’ देने के लिए डाले गए थे। इसके बाद, नियामक ने अप्रैल-सितंबर, 2022 के दौरान इस मामले की जांच की। जांच में यह तथ्य सामने आया कि अप्रैल से जुलाई मध्य, 2022 के दौरान दोनों कंपनियों के शेयरों के मूल्य और मात्रा में काफी उछाल देखने को मिला।

 जुलाई, 2022 के दूसरी पखवाड़े के दौरान साधना के बारे में झूठे और भ्रामक वीडियो दो यूट्यूब चैनल – ‘द एडवाइजर’ और ‘मनीवाइज’पर डाले गए। शॉर्पलाइन के बारे में इसी तरह के वीडियो दो यूट्ब चैनल मिडकैप कॉल्स और प्रॉफिट यात्रा पर मई के दूसरे पखवाड़े में डाले गए। इन वीडियो के बाद दोनों कंपनियों के शेयर की कीमत और मात्रा में भारी उछाल देखने को मिला। इस अवधि में कुछ प्रवर्तक शेयरधारकों, महत्वपूर्ण प्रबंधन स्तर पर बैठे लोगों और गैर-प्रवर्तक शेयरधारकों ने बढ़े मूल्य पर शेयरों की बिकवाली की और मुनाफा कमाया। एक गुमराह करने वाले वीडियो में तो दावा किया गया था कि अडाणी समूह द्वारा साधना ब्रॉडकॉस्ट का अधिग्रहण किया जाएगा।