बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की अलग रह रही पत्नी ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उन्हें और उनके दो नाबालिग बच्चों को उपनगरीय मुंबई में उनकी सास के आवास से धक्का मारकर बाहर निकाल दिया गया और आर्थिक सहायता के लिए उनके पास कोई नहीं है। अभिनेता की पत्नी की ओर से पेश अधिवक्ता रिजवान सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति पी डी नाइक की पीठ को बताया कि अलग रह रहे दंपति के बीच स्थिति काफी खराब थीं।
पीठ नवाजुद्दीन सिद्दीकी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अभिनेता ने अनुरोध किया हैकि उसकी अलग रह रही पत्नी को बच्चों को अदालत के समक्ष पेश किया जाए। अभिनेता (48) ने दावा किया था कि उसकी पत्नी बच्चों को बिना बताए दुबई से भारत ले आई थी और स्थान बदलने से उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही थी, क्योंकि वे स्कूल नहीं जा रहे थे। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी बच्चों के साथ मुंबई में अपनी सास के घररह रही थीं।
शुक्रवार को अधिवक्ता सिद्दीकी ने अदालत को बताया कि अभिनेता की पत्नी और उनके दो बच्चों (12 साल की बेटी और सात साल के बेटा) को घर से सिर्फ 81 रुपये के साथ बाहर निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि तीनों अब एक रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां लड़का अभी बहुत छोटा है, वहीं लड़की ने अपने पिता से मिलने से साफ इनकार कर दिया। अदालत ने अधिवक्ता सिद्दीकी को इन सभी विवरणों को एक हलफनामे में देने का निर्देश दिया और कहा कि मामले की आगे की सुनवाई एक सप्ताह के बाद की जाएगी।