पंजाब के किसानों के लिए राहत भरी खबर

 पंजाब के किसानों के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि चीफ सैक्रेटरी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी स्टडी करके, अलग-अलग किसानों से बातचीत करके, अलग-अलग गांवों में जाकर मुझे रिपोर्ट सौपेंगी कि हम धान के अलावा और कौन-कौन सी फसल बीज सकते है, जिनमें पानी का कम इस्तेमाल और किसानों का खर्चा कम और फायदा ज्यादा हो। इसमें बासमती, नरमा, कपास, मूंग, दाल आदि फसलों को उत्साहित करने के लिए हम कदम उठा रहे है।

सी.एम. मान ने कहा कि पंजाब में पहले अलग-अलग किस्मों की फसलों को बीजा जाता था, क्योंकि हमारे पंजाब की धरती बेहद उपजाऊ है। पर पिछले काफी समय से अलग-अलग फसलों को छोड़कर हमारा ध्यान धान की तरफ हो गया। उन्होंने कहा कि धान की फसल बीजने के साथ बिजली का प्रबंध, धरनी नीचे पानी का और नीचे चला जाना, पंजाब की 80 फीसदी धरती का डार्क जोन में चला जाना, पराली संबंधित समस्या, पराली को आग लगाने से प्रदूषण और सेहत संबंधित समस्या खड़ी हो रही है। इन समस्याओं के  समाधान के लिए मेरी सरकार उत्सुक है और यह हमारी प्राथमिकता है। दिन रात हम मेहनत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले हम नरमे और कपास का रकबा बढ़ाना चाहते हैं। ये कैसे बढ़ सकता है इसके लिए किसान-सरकार मिले। वहां कपास के किसानों ने हमें एक आइडिया दिया कि अगर एक अप्रैल को नहरों में पानी आ जाए और हमारी कपास को नहर का पानी लग जाए तो हमारे कपास का पौधा बहुत स्वस्थ और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि हम किसानों को विश्वास दिलाते हैं कि पहली बार होगा कि 1 अप्रैल तक टेल एंड तक पानी पहुंच जाएगा, ताकि नरमे और कपास के रकबे को बढ़ाया जा सके।

उन्होंने कहा कि हम फसलों पर 33 फीसदी सब्सिडी दे रहे हैं। नरमे और कपास के बीज की कीमत का तीसरा हिस्सा सरकार सब्सिडी देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफेद मक्खी और गुलाबी सुंडी एक बार फिर से फसलों पर हमला ना करें, इसकी रोकथाम के लिए कई रिसर्च और नए किटनाशक तैयार कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बासमती एक ऐसी फसल है,जो पिछली बार बेहद अच्छी हुई और इसका रेट भी अच्छा मिला। इसके लिए हम बासमती को उत्साहित कर रहे है। हम बासमती का रेट तय कर रहे है तांकि ज्यादा बासमती पैदा होने के कारण अगर रेट कम होते है तो सरकार खुद बासमती खरीदेगी और किसानों को कोई कमी नहीं होने देगी।