भारत की एक एक इंच जमीन चीन से मुक्त कराई जाएगी
लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर के वरिष्ठ नेता एवं हिमालय परिवार संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह गिल ने कहा कि हमेशा भारत की पीठ में छुरा घोंपने वाले चीन के कब्जे से एक इंच जमीन मुक्त कराई जाएगी।
गिल ने कहा कि भारत के लोगों के मन में चीन की छवि एक विश्वासघाती और आक्रामक देश की है क्योंकि उसने 1962 में दोस्ती के नाम पर हमारी पीठ में छुरा घोंपा और हमारे भरोसे को तोड़ा था। उन्होंने कहा कि 1962 में जब भारत में कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी, तब चीन ने हमारी लगभग 1 लाख 35 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया था, जो आज भी उसके कब्जे में है। 1962 के युद्ध में भारत की हार तो हुई ही, उसका आत्मविश्वास भी पूरी तरह हिल गया।
गिल ने कहा कि चीन के विश्वासघात और हार से आहत और अपमानित भारतीय संसद ने 14 नवंबर 1962 को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसे बाद के वर्षों में भारत सरकार भूल गई थी।
गिल ने कहा कि हिमालय परिवार देशवासियों को उस संकल्प की याद दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत की संसद में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें चीन के विश्वासघात, सेना की वीरता और सैनिकों के बलिदान और सरकार की गलतियों का उल्लेख किया गया था। संकल्प लिया गया था कि भारत चीन को अपनी पवित्र भूमि से खदेड़ कर ही दम लेगा, चाहे ऐसा करने में हमें कितना ही समय क्यों न लग जाए और चाहे इसके लिए हमें कितनी भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
गिल ने कहा कि इसके बाद यह प्रस्ताव समय की धूल की परतों के नीचे दब गया और केंद्र में बनी कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारे इसे भूल गयी.
गिल ने कहा कि हिमालय परिवार लोगों को यह संकल्प याद दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए हर साल 14 नवंबर को संकल्प याद दिवस मनाया जाता है. जनता और सरकार को इस संकल्प की याद दिलाने के लिए इस दिन सेमिनार और अन्य सार्वजनिक बैठकें आयोजित की जाती हैं।
गिल ने कहा कि आज भी हम सभी अपने-अपने क्षेत्रों में सेमिनार, जुलूस या किसी अन्य तरीके से इस संकल्प की यादों को ताजा करते हैं।
गिल ने कहा कि हिमलिया परिवार ऐसा तब तक करता रहेगा जब तक भारत चीन से अपनी एक एक इंच भूमी वापस नहीं ले लेता।